अगाध

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अगाध ^१ वि॰ [सं॰]

१. अथाह । बहुत गहरा । अतल स्पर्श । उ॰— जलधि अगाध मौलि बह फेनू । संतत धरनि धरत सिर रेनु । — मानस, १ । १६७ ।

२. आपार । असीम । अत्यंत । बहुत । अधिक उ॰—देखि मिटै अपराध अगाध निमज्जत सधु समाज भलो रे ।—तुलसी (शब्द॰) ।

३. जिसका कोई पार न पा सके । समझ में न आने योग्य । दुर्बोंध । उ॰—अगुन सगुन दुई ब्रह्म सरूपा । अकथ अगाध अनादि अरुपा ।—मानस, १२३ ।

अगाध ^२ संज्ञा पुं॰

१. छेद ।

२. गड्ढा ।

३. स्वाहाकार की पाँच अग्नियों में से एक का नाम [को॰] ।