कसूर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कसूर संज्ञा पुं॰ [अ॰ कुसूर] अपराध । दोष खता । उ॰— (क) मैण लगाड़े पालड़ा, तौलाँ माँहि कसूर ।—बाँकी॰ ग्रं॰, भा॰२, पृ॰ ६९ । (ख) मैंने छोटी बड़ी भेड़ का ख्याल नहीं किया मेरा कुछ कसूर नहीं —भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ ६६९ । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना । यौ॰—कसूरमंद । कसूरवार । बेकसूर ।