विक्षनरी:कुछ महत्वपूर्ण संसदीय शब्दों की संक्षिप्त परिभाषा/व्याख्या
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(कुछ महत्वपूर्ण संसदीय शब्दों की संक्षिप्त परिभाषा/व्याख्या से अनुप्रेषित)
Concise Definitions/Descriptions of Some Important Parliamentary Terms
[सम्पादन]- अधिनियम (संसद का)
- भारत में, संसद की दोनों सभाओं द्वारा पारित और राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त विधेयक।
- अभिभाषण (राष्ट्रपति का)
- राष्ट्रपति द्वारा लोक सभा के लिए प्रत्येक साधारण निर्वाचन के पश्चात् प्रथम सत्र के आरंभ में और प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के आरंभ में एक साथ समवेत संसद के दोनों सदनों में संसद को उसके आह्वान के कारण बताते हुए तैयार किया हुआ भाषण देना जिसे बाद में संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखा जाता है और इस पर औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होती है अथवा राष्ट्रपति द्वारा संसद के किसी सदन या एक साथ समवेत दोनों सदनों को किसी अन्य अवसर पर सम्बोधन।
- मंत्रिमंडल राष्ट्रपति के अभिभाषण के पाठ को अनुमोदित करता है तथा उसमें कही गई बातों के लिए उत्तरदायी होता है।
- सभा का स्थगन
- (कार्यवाही को) दिनभर के लिए स्थगित करना, भविष्य में किसी दिन तक के लिए स्थगित करनाA ^स्थगन* शब्द किसी विचार-विमर्श करने वाले निकाय इत्यादि के किसी बैठक को अगले कार्य दिवस अथवा किसी बाद की विनिर्दिष्ट तारीख को पुनः प्रारम्भ करने के आशय से समाप्त करने की कार्रवाई पर लागू होता है।
- लोक सभा में अध्यक्ष वह समय निर्धारित करेगा जबकि सभा की बैठक अनिश्चित काल के लिए या किसी और दिन तक के लिए या उसी दिन के किसी समय या भाग तक के लिए स्थगित की जाएगी।
- स्थगन प्रस्ताव
- अविलम्बनीय प्रकृति के किसी विशेष और महत्वपूर्ण मामले पर चर्चा के लिए प्रस्तावA यह प्रस्ताव सदन में किसी भी सदस्य द्वारा पुरःस्थापित किया जा सकता है और यह अविलम्बनीय प्रकृति का होता है और इसमें सरकार की निन्दा का भाव होता है।
- इसका उद्देश्य अविलम्बनीय लोक महत्व के विषय पर सरकार का ध्यान आकर्षित कराना है ताकि किसी अविलम्बनीय मामले पर सरकार की आलोचना की जा सके और जिसके बारे में समुचित सूचना के साथ कोई प्रस्ताव या संकल्प देने में बहुत देर हो जाएगी।
- भर्त्सना
- विधानमंडल के पीठासीन अधिकारी द्वारा विशेषाधिकार हनन या सदन के अवमान के दोषी व्यक्ति को दिया जाने वाला दण्ड यदि उसका अपराध इतना गंभीर नहीं है कि उसके लिए उसे हिरासत में लिया जा सकेA यह सजा का सबसे नरम स्वरूप है।
- प्रतिज्ञापन (Affirmation)
- सकारात्मक घोषणा( बिना शपथ लिए सत्यनिष्ठा से धाोषणा, किसी विधानमंडल के सदस्य द्वारा सदन में अपना स्थान लेने से पूर्व शपथ के स्थान पर सत्यनिष्ठा से की गई घोषणा।
- मैं अमुक जो लोक सभा का सदस्य निर्वाचित हुआ हू¡ सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हू¡ कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा, मैं भारत की प्रभुता और अखण्डता अक्षुण्ण रखूंगा तथा जिस पद को मैं ग्रहण करने वाला हू। उसके कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक निर्वहन करूँगा।
- समय का नियतन (Allocation of Time)
- भारत में ऐसी परम्परा है कि सरकारी समय में सभा द्वारा किए जाने वाले उन कार्याे सहित जिनके लिए अध्यक्ष को समय नियत करने की शक्ति प्राप्त है, सभी कार्यो को समय का नियतन करने हेतु सामान्य रूप से कार्य-मंत्रणा समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। कार्य-मंत्रणा समिति का प्रतिवेदन सभा को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाता है जिसके पश्चात् विधेयकों और अन्य कार्य के संबंध में समय का नियतन सभा का आदेश हो जाता है।
- संशोधन (Amendment)
- विधायिका में प्रस्तुत प्रस्ताव या विचाराधीन विषय मंे परिवर्तन करने की युक्ति( इसमें किसी विधेयक के खण्ड, किसी संकल्प अथवा प्रस्ताव अथवा इनके संशोधन में कतिपय शब्दों, अंकों अथवा चिह्नों का लोप, प्रतिस्थापन, जोड़ना और अन्तःस्थापन सम्मिलित है।
- वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement)
- विधानमंडल में वित्त के प्रभारी मंत्री द्वारा दिया गया किसी वर्ष के लिए सरकार की सम्भावित आय और व्यय का विवरण( जिसे बजट कहा जाता है।
- उत्तर (प्रश्नों के)
- भारतीय संसद में उन प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया जाता है जिनका विभेद तारांक लगाकर किया जाता है जिन प्रश्नों का तारांक लगाकर विभेद नहीं किया जाता है उन्हें लिखित उत्तर के लिए प्रश्नों की सूची में रखा जाता है( यदि अध्यक्ष अनुमति दे तो किसी ऐसे तथ्यात्मक विषय के अग्रेतर विशदीकरण के प्रयोजन के लिए जिसके बारे में उत्तर दिया गया है, अनुपूरक प्रश्न पूछे जाते हैंA सामान्यतः प्रत्येक बैठक का पहला धांटा प्रश्न पूछने और उनके उत्तर देने के लिए आबंटित होता है।
- विधेयक (Bills)
- किसी वैधानिक प्रस्ताव का प्रारूप होता है जो संसद की दोनों सभाओं द्वारा पारित किए जाने और राष्ट्रपति द्वारा अनुमति प्रदान किए जाने पर अधिनियम बन जाता है।
- विशेषाधिकार हनन (Breach of Privilege)
- व्यक्तिगत रूप से किसी संसद सदस्य या संसद के किसी भी सदन या इसकी समितियों के विशेषाधिकारों, अधिकारों और उन्मुक्तियों की अवहेलना इसमें सदन की इसके कृत्यों के निष्पादन में बाधा डालने के कार्य जिनसे इसका प्राधिकार और गरिमा कम होती है जैसे कि इसके वैध आदेशों की अवज्ञा या सदन या इसके सदस्यों अथवा अधिकारियों का अवमान सम्मिलित है जिसे सभा का अवमान कहा जाता है (विवरण के लिए देखें 'विशेषाधिकार')।
- कार्यसूची (Business, list of)
- भारतीय संसद में इसे कार्यसूची कहा जाता है। इसे अध्यक्ष के प्राधिकार से महासचिव द्वारा तैयार किया जाता है और प्रत्येक सदस्य को इसकी प्रति भेजी जाती है। इसमें किसी निश्चित दिन लिए जाने वाले सरकारी और गैर-सरकारी सदस्यों के कार्य की मदें होती हैं, सामान्यतः प्रथम मद प्रश्न होते हैं। जब कभी शपथ या प्रतिज्ञान और निधन संबंधी उल्लेख सूची में होते हैं तो वे प्रश्नों से पहले आते हैंA प्रश्नों की सूची यद्यपि कार्यसूची का भाग होती है किन्तु उसे अलग से जारी किया जाता है। कार्यसूची, प्रश्न सूची, संशोधनों, कटौती प्रस्तावों की सूची मिलकर किसी दिन का आर्डर पेपर कहलाता है।
- सदन के कार्य (Business of the House)
- किसी विधानमंडल के किसी सदन में किसी दिन विशेष को लिए जाने वाले कार्य की सभी मदों का परस्पर क्रम।
- संसदीय कार्य मंत्री पूरे सप्ताह के सरकारी कार्य की अग्रिम धाोषणा सदन में करता है।
- ध्यानाकर्षण (Calling Attention)
- किसी का ध्यान आकर्षित करनाA अविलम्बनीय लोक महत्व के मामले पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की संसदीय प्रक्रिया।
- निन्दा प्रस्ताव (Censure Motion)
- सरकार की किसी नीति या सरकार के किसी मंत्री या मंत्रियों की निन्दा के लिए सरकार के विरुद्ध लाया गया प्रस्ताव।
- राष्ट्रमंडल संसदीय संधा (Commonwealth Parliamentary Association)
- राष्ट्रमंडल संसदीय संधा विभिन्न राष्ट्रमंडल देशों के विधानमंडलों में गठित शाखाओं से बना एक संगठन है। इसमें राष्ट्रमंडल की राष्ट्रीय संसदों में गठित मुख्य शाखाएं, राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों के अन्तर्गत राज्य या प्रांतीय विधानमंडलों और प्रादेशिक संसदों में गठित राज्य और प्रांतीय शाखाएं शामिल होती हैं।
- समवर्ती सूची (Concurrent List)
- संघीय संविधान में संलग्न विषयों की एक सूची जिसके संबंध में संधाीय विधानमंडल या राज्य या क्षेत्रीय विधानमंडलों को कानून बनाने का अधिकार है। विरोध की स्थिति में संधाीय कानून ही अभिभावी होगा।
- संविधान (Constitution)
- किसी सरकार के मूलभूत कानून और सिद्धांतों की लिखित या अलिखित व्यवस्था( स्वयं के मार्गदर्शन के लिए राज्य की सार्वभौम शक्ति द्वारा स्थापित कानून और रीति-रिवाज की व्यवस्था।
- सदन का अवमान (Contempt of the House)
- किसी कार्रवाई या चूक को जो संसद के किसी सदन को इसके कार्य निष्पादन में अड़चन या बाधा डालती हो, अथवा जो ऐसे सदन के किसी सदस्य या अधिकारी को उसके कत्र्तव्यों के निर्वहन में अड़चन या बाधा डालती हो, या जिसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसा करने की प्रवृत्ति हो, को तब भी अवमान माना जाता है जबकि ऐसे अपराध का कोई पूर्व उदाहरण न हो।
- कटौती प्रस्ताव (Cut Motions)
- अनुदानों की मांग पर चर्चा के दौरान किसी मांग की राशि कम करने के लिए प्रस्ताव लाया जा सकता है, ऐसे प्रस्ताव को कटौती प्रस्ताव कहते हैं।
- प्रत्यायोजित विधान (Delegated Legislation)
- प्रत्यायोजित विधान और विधायी शक्तियों का प्रत्यायोजन का तात्पर्य नियम, विनियम इत्यादि बनाने के लिए अधीनस्थ प्राधिकरण को प्राधिकार प्रदान करना है। संविधान के उपबंधों के अनुसरण में या संसदीय अधिनियम के अन्तर्गत किसी अधीनस्थ प्राधिकरण को प्रत्यायोजित शक्तियों के अधीन बनाये गए प्रत्येक विनियम, नियम, उप-नियम, उप-विधि इत्यादि को उसके राजपत्र में प्रकाशन के पन्द्रह दिन की अवधि के अंदर लोक सभा के पटल पर रखना आवश्यक है।
- उपाध्यक्ष (Deputy Speaker)
- उपाध्यक्ष का चुनाव लोक सभा के सदस्यों में से ही किया जाता है। वह अध्यक्ष के अधीन नहीं होता है बल्कि उसकी स्वतंत्र स्थिति है और वह केवल सभा के प्रति उत्तरदायी है। अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष अध्यक्ष के कत्र्तव्यों का निर्वहन करता है और सभा की बैठक की तथा संसद की दोनों सभाओं के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता करता है और अध्यक्ष की शक्तियों का प्रयोग करता है।
- राज्य के नीति निर्देशक तत्व (Directive Principles of State Policy)
- सांविधानिक निदेश और सिद्धांत जो देश के शासन में मूलभूत हैं।
- विघाटन (Dissolution)
- भारत का राष्ट्रपति प्रधान मंत्री की सलाह पर लोक सभा का विधाटन करता है। लोक सभा की पांच वर्षो की अवधि की समाप्ति पर राष्ट्रपति द्वारा सभा के विधाटन का औपचारिक आदेश जारी नहीं किए जाने के बावजूद लोक सभा स्वतः विधाटित हो जाती है। विधाटन के साथ ही लोक सभा समाप्त हो जाती है तथा फिर वह केवल आम चुनाव के बाद ही समवेत हो सकती है। सभा या उसकी किसी समिति के सामने लम्बित प्रत्येक विषय उसके विधाटन पर व्यपगत हो जाता है।
- मत-विभाजन (Division)
- जब ध्वनि-मत द्वारा निर्णीत प्रश्न पर अध्यक्ष की राय को मत-विभाजन की मांग करने वाले सदस्यों द्वारा चुनौती दी जाती है तो अध्यक्ष मत-विभाजन का आदेश देता है।
- निर्वाचन आयोग (Election Commission)
- संसद, राज्य विधानमंडलों तथा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचन कराने के लिए भारत में एक सांविधानिक निकाय गठित किया गया।
- निर्वाचक मंडल (Electoral College)
- अप्रत्यक्ष निर्वाचन में प्रतिनिधियों का चयन करने के लिए निर्वाचकों द्वारा चयनित एक अंतर्वर्ती निकाय।
- अधिनियमन सूत्र (Enacting Formula)
- किसी विधेयक या संविधि की वह धारा जो संपूर्ण दस्तावेज को कानून के रूप में स्थापित करती है।
- सरकार (Government)
- संसदीय सरकार में एक मंत्रिमंडल होता है जो अपने कार्यो के लिए विधानमंडल के प्रति उत्तरदायी होता है। सरकार सामान्य प्रशासन करती है तथा संसद सरकारी कार्यो को सामान्य रूप से नियंत्रित करती है।
- सरकारी आश्वासन (Government Assurances)
- मंत्रियों द्वारा कतिपय कार्यो का कार्यान्वयन उचित समय में सुनिश्चित करने के लिए सदन में समय-समय पर दिए गए आश्वासन, वचन एवं वचनबंध।
- संसद के सदन (Houses of Parliament)
- भारतीय संसद के दो सदन हैं—राज्य सभा तथा लोक सभा।
- त्रिशंकु संसद (Hung Parliament)
- ऐसी संसद जिसमें किसी भी दल का स्पष्ट बहुमत न हो।
- सदन का नेता (Leader of the House)
- लोक सभा में प्रधान मंत्री सामान्यतया सदन के नेता के रूप में कार्य करता है( यदि वह लोक सभा का सदस्य नहीं है तो कोई मंत्री, जो लोक सभा का सदस्य हो और प्रधान मंत्री द्वारा नामित किया गया हो, इस दायित्व का निर्वहन करता है। सदन का नेता एक महत्वपूर्ण संसदीय अधिकारी है।
- विपक्ष का नेता (Leader of Opposition)
- किसी भी विधानमंडल में सबसे बड़े अल्पसंख्यक दल का नेता( सदन के नियमों के तहत स्वीकार्य एक पद।
- अनुपस्थिति की अनुमति (Leave of Absence)
- किसी संसद-सदस्य को अनुपस्थित रहने की औपचारिक अनुमति देना।
- सभा की अनुमति (Leave of the House)
- किसी विधानमंडल के सदन द्वारा सदस्य को प्रस्ताव रखने या वापस लेने के लिए दिया गया औपचारिक अनुमोदन। सदस्य सभा की अनुमति तभी मांग सकता है जब अध्यक्ष द्वारा उसे ऐसा करने की अनुमति दी गई हो( तब वह अपने स्थान पर खड़े होकर अनुमति मांगता है। अनुमति मिलने के बाद सदस्य सदन की अनुमति के बिना अपना प्रस्ताव वापस नहीं ले सकता है।
- विधान (अधीनस्थ) (Legislation (Subordinate))
- विधानमंडल द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए विशिष्ट सीमाओं के अंदर विधानमंडल के अधीनस्थ निकाय द्वारा सांविधिक लिखत या आदेश तैयार करना, इसमें सांविधिक लिखत भी शामिल हैं।
- प्रथम भाषण (Maiden Speech)
- संसद में संसद सदस्य का प्रथम भाषण( किसी का प्रथम या आरंभिक भाषण, विशेषकर संसद में।
- सदस्यता के लिए निरर्हताएं (Disqualifications for)
- संवैधानिक या सांविधिक नियम जो किसी व्यक्ति को विधानमंडल का सदस्य चुने जाने के लिए अयोग्य या निरर्हित बनाते हैं( इसमें वे नियम भी शामिल हैं जो किसी सदस्य को निर्वाचन के बाद उस सदन का सदस्य बने रहने के अयोग्य बनाते हैं।
- लाभ का पद (Office of Profit)
- एक पद जिसके साथ फीस एवं परिलब्धियां संबद्ध हों, जिसमें संरक्षण देने की भी कुछ शक्ति होती है, इसे धारण करने वाला पदाधिकारी कार्यकारी, वित्तीय अथवा न्यायिक शक्तियों का प्रयोग करने का हकदार होता है।
- अध्यादेश (Ordinance)
- संधा के राष्ट्रपति तथा राज्यों के राज्यपालों के पास अध्यादेश प्रख्यापित करने की विधायी शक्ति है, यह शक्ति संसद की विधायी सक्षमता के साथ समविस्तीर्ण होती है।
- सभापति तालिका (Panel of Chairmen)
- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में सदन की बैठकों की अध्यक्षता करने के लिए अध्यक्ष द्वारा सदन के सदस्यों में से नामनिर्दिष्ट किए गए सदस्यों का समूह।
- सभा-पटल पर रखे गए पत्र (Papers laid on the Table)
- सदन के रिकार्ड में लाने के लिए संसद के दोनों सदनों के पटल पर संसदीय पत्रादि या दस्तावेजों का रखा जाना।
- संसद का अधिकार-क्षेत्र एवं शक्तियां (Parliament—Jurisdiction and Powers of)
- संसद राष्ट्रपति एवं दो सदनों से मिलकर बनती है( उनके संयुक्त विधायी कार्य के संबंध में इसकी प्रत्येक शाखा के पास विशिष्ट शक्तियां हैं।
- संसदीय पत्र (Parliamentary Papers)
- सदन की कार्यवाही से संबंधित तथा सदन में प्रस्तुत पत्र( इन पत्रों के जारी होते ही इनकी प्रतियां सदस्यों को उपलब्ध करायी जाती हैं।
- प्रक्रिया संबंधी नियम (Rules of Procedure)
- किसी विधानमंडल में प्रक्रिया, वाद-विवाद तथा सदस्यों के आचरण को विनियमित करने वाले नियम।
- अनुसूची (Schedule)
- अनुसूची भी संविधि का अंश होती है और अधिनियम के अन्य अंगों की तरह ही प्रभावी होती है( निर्वचन संबंधी सभी प्रयोजनों के लिए इसे अधिनियम के साथ ही पढ़ना चाहिए।
- विधेयकों पर प्रवर समितियां (Select Committee on Bill(s))
- विधेयकों पर विचार करने, उनकी जांच करने या उन पर चर्चा करने के लिए समय-समय पर विशेष रूप से नामनिदिर्ष्ट एवं नियुक्त संसद सदस्यों से गठित संसदीय समिति।
- अध्यक्ष (Speaker)
- अध्यक्ष लोक सभा का प्रधान पीठासीन अधिकारी होता है। उसका चुनाव लोक सभा में उपस्थित एवं मतदान करने वाले सदस्यों के सामान्य बहुमत से किया जाता है। सदन की सीमाओं के अंदर उसका प्राधिकार सर्वोच्च है जो उसकी अनन्य और अटल निष्पक्षता पर आधारित है।
- सामयिक अध्यक्ष (Speaker pro tem)
- जब अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष दोनों के पद रिक्त हों तो अध्यक्ष पद के कत्र्तव्यों का निर्वहन करने के लिए नियुक्त विधानमंडल का सदस्य, नियुक्त होने के बाद सामयिक अध्यक्ष तब तक अपने पद पर रहता है जब तक कि अध्यक्ष का निर्वाचन नहीं हो जाता ।
- सभा-पटल (Table of the House)
- भारतीय संसद के दोनों सदनों में महासचिव की मेज के ठीक सामने सभा-पटल होता है। सांविधानिक प्रावधानों, नियमों एवं निदेशों के अनुसरण में सभा-पटल पर रखे जाने के लिए अपेक्षित पत्रों को औपचारिक रूप से इस पटल पर रखा जाता है।