कूच

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कूच ^१ संज्ञा पुं॰ [तु॰]

१. प्रस्थान । रवानगी ।

२. मृत्यु । मौत । परलीकयात्रा [को॰] । मुहा॰—कूच कर जाना = मर जाना । (किसी के) देवता कूच कर जाना = होश हवाश जाता रहना । भय या किसी और कारण से विवेक नष्ट हो जाना । कुच का डंका या नक्कारा बाजाना = (१) फौज या समूह का रवाना होना । (२) मर जाना । कूच बोलना = प्रस्थान करना ।

कूच ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] दे॰ 'कुच' [को॰] ।

कूच ^३ संज्ञा पुं॰ [देश॰] महुए से पेड़ में पतझड़ के बाद चहनिय़ों में लगनेवाला वह गुच्छा, जिसमें फूल निकलते हैं ।

कूच ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कुचिका, हि॰ कूँच] पैर केनचले भाग की एक नस । घोड़ा नस ।