छुड़ाना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

छुड़ाना ^१ क्रि॰ स॰ [हिं॰ छोड़ना]

१. किसी वस्तु को ऐसा करना जिसमें वह छूट जाय । दूसरे की पकड से अलग करना । बँधी, फँसी उलझी या लगी हुई वस्तु को पृथक् करना । जैसे, वह हाथ छुड़ाकर भागा; लड़के का पैर चारपाई में फँस गया है, छुड़ा दो; गाँठ छुड़ाना आदि । उ॰—बाँह छुड़ाए जात हो निबल जानि के मोहि । हिरदय में से जाइयो मरद बदूँगी तोहि ।—(शब्द॰) ।

२. दूसरे के अधिकार से अलग करना जैसे,—रेहन रखा हुआ खेत छुड़ाना, माल छुड़ाना, बिल्टी छुड़ाना आदि । संयो॰ क्रि॰—देना ।—लेना ।

३. किसी वस्तु पर पुती हुई वस्तु को दूर करना । जैसे,—रंग छुड़ाना । दाग छुड़ाना, मैल छुड़ाना । संयो॰ क्रि॰—डालना ।—देना ।—लेना ।

४. कार्य से अलग करना । नौकरी से हटाना । बरखास्त करना । जैसे,—उसने उस पुराने नौकर को छुड़ा दिया । संयो॰ क्रि॰—देना ।

५. किसी नियमित क्रिया का त्याग कराना । किसी प्रवृत्ति को दूर कराना । जैसे, अभ्यास छुड़ाना, मुक्त कराना । जैसे— हम उसका आना जाना छुड़ा देंगे ।

छुड़ाना ^२ क्रि॰ स॰ [छोड़ना का प्रे॰ रूप] छोड़ने का काम कराना । दे॰ 'छुड़वाना' ।