ज़हर

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हिन्दी[सम्पादन]

वैकल्पिक रूप[सम्पादन]

जहर

अनुवाद[सम्पादन]


प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ज़हर ^१ संज्ञा स्त्री॰ [फा॰ जह्न]

१. वह पदार्थ जो शरीर के अंदर पहुँचकर प्राण ले ले अथवा किसी अंग में पहुँचकर उसे रोगी कर दे । विषमरन । यौ॰—ज़हरदार । ज़हरबाद । ज़हरमोहरा । मुहा॰—ज़हर उगलना =(१) मर्मभेदी बात कहना जिससे कोई बहुत दुःखी हो । (२) द्बेवपूर्ण बात कहना । जली कटी कहना । ज़हर करना या कर देना = बहुत अधिक नमक मिर्च आदि ड़ालकर किसी खाद्यपदार्थ को इतना कड़ुआ कर देना कि उसका खाना कठिन हो । जाय ज़हर का घूँट = बहुत कडुआ । बेसवाद या कड़ुवा होने के कारण न खाने योग्य । ज़हर का गूँट पीना = किसी अनुचित बात को देखकर क्रोध को मन ही मन बना रखना । क्रोध को प्रगड़ न होने देना । ज़हर का ??? = जो बहुत अधिक उपद्रव या अनिष्ट कर सकता हो । ज़हर की गाँठ = विष की गाँठ । किसी पर ज़हर खाना = किसी बात या आदमी के कारण ग्लानि, ईष्या, स्तज्जा आदि से बार्वबत्वा पर उतान होना । जैसे,—अपने इस काम पर तो उन्हें ज़हर खा लेना चाहिए । ज़हर देना = ज़हर दिलाना या खिलाना । ज़हर मार करना = अनिच्छा या अरजि होने पर भी जबरदस्ती खाना । जैसे,—कचहरी जाने की जल्दी बौ; किसी तरह दो रोटियाँ ज़हर वार करके चमड़े वने । ज़हर मारना = विष के प्रभाव या सक्ति को बबाना वा सांत करना । ज़हर में बुझाना = और, दुरी, तलवार, कटार आदि हथियारों को विचाक्त करना । विशेष— ऐसे हतिवारों से जब वार किया जाता है, सव?? ????होनावाले मनुष्य के शरीर में उनका बिच प्रवितृ हो ?? है जिसके प्रभाव से आदमी बहुत जल्दी घर जाता है ।

२. अप्रिय बात या काम । वह बात या काम जो बहुत नागवार मालूम हो । जैसे,—हमारा यहाँ आना उन्हें ज़हर मालूम हुआ । मुहा॰—ज़हर करना या कर देना = बहुत अधिक अप्रिय या असहा कर देना । बहुत नागवार बना देना । जैसे,—उन्होंने हमारा खाना पीना ज़हर कर दिया । ज़हर मिलाना = किसी बात की अप्रिय कर देना । ज़हर में बुझना = किसी बात या काम को अप्रिय बनाना । जैसे,—आप जो बात कहते हैं; ज़हर में बुझाकर कहते हैं । ज़हर लगना = बहुत अप्रिय जान पड़ना । बहुत नागवार मालूम होना ।

ज़हर ^२ वि॰ घातक । मार डालनेवाला । प्राण लेनेवाला ।

२. बहुत अधिक हानि पहुँचाने वाला । जैसे,— ज्वर के रोगी के लिये घी ज़हर है ।

ज़हर ^३पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ जौहर] दे॰ 'जौहर' । उ॰—ग्यारह पुत्र कठाइ बारहे अजय बचायो । साजि ज़हर ब्रत नारि धर्म धर्म कुल रखायो ।—राधाकृष्ण दास (शब्द॰) । यौ॰—ज़हर ब्रत = जौहर का ब्रत । जौहर का कार्य रूप में परिणयन ।