जुगनू

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जुगनू संज्ञा पुं॰ [सं॰ ज्योतिरिङ्गण, प्रा॰, जोड़ंगण अथवा हिं॰ जुग- जुगाना]

१. गुबरैले की जाति का एक कीड़ा जिसका पिछला भाग आग की चिनगारी की तगह चमकता है । यह कीड़ा बरसात में बहुत दिखाई पड़ता है । खद्योत । पटबीजना । विशेष— तितली, गुबरैले, रेशम के कीड़े आदि की तरह यह कीड़ा भी ढोले के रूप में उत्पन्न होता है । ढोले की अवस्था में यह मिट्टि के घर में रहता है और उसमें से दस दिन के उपरांत रूपांतरित होकर गुबरैले के रूप में निकलता है । इसके पिछले भाग से फासफरस का प्रकाश निकलता है । सबसे चमकीले जुगनू दक्षिणी अमेरिका में होते हैं जिनसे कहीं कहीं लोग दीपक का काम भी लेते हैं । इन्हें सामने रखकर लोग महीन से महीन अक्षरों की पुस्तकें भी पढ़ सकते हैं ।

२. स्त्रियों का एक गहना जो पान के आकार का होता है और गले में पहना जाता है । रामनामी ।