दाहिना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

दाहिना वि॰ [सं॰ दक्षिण] [वि॰ स्त्री॰ दाहिनी]

१. उस पार्श्व का जिसके अंगों की पेशियों में अधिक बल होता है । उस ओर का जिस ओर के अंग काम करने में अधिक तप्तर होते हैं । 'बायाँ' का उलटा । दक्षिण । अपसव्य । जैसे, दाहिना हाथ, दाहिना पैर, दाहिनी आँख । मुहा॰—दाहिनी देना = दक्षिणावर्त परिक्रमा करना । प्रदक्षिणा करना । उ॰— जटा भस्म तनु दहै वृथा करि कमँ बँधावै । पुहुमि दाहिनी देहि कुफा बसि मोहि न पावै ।— सूर (शब्द॰) दाहिनी लाना = प्रदक्षिणा करना । उ॰— पंचवटी गोदहि प्रनाम करि कुटी दाहिनी लाई ।— तुलसी (शब्द॰) ।( किसी का) दाहिना हाथ होना = बड़ा भारी सहायक होना ।

२. उधर पड़नेवाला जिधर दाहिना हाथ हो । जैसे, दाहिनी दिशा ।

३. अनुकूल । प्रसन्न ।