पहचानना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पहचानना क्रि॰ स॰ [हिं॰ पहचान + ना]

१. किसी वस्तु य ा व्यक्ति को देखते ही जान लेना कि यह कौन व्यक्ति या क्या वस्तु है । यह ज्ञान करना कि यह वही वस्तु या व्यक्तिविशेष है जिसे मैं पहले से जानता हूँ । चीन्हना । जैसे,—(क) बहुत दिनों पीछे मिलने पर भी उसने मुझे पहचान किया । (ख) पहचानों तो यह कौन फल है ।

२. वस्तु या व्यक्ति के स्वरूप को इस प्रकार जानना कि वह जब कभी इंद्रियगोचर हो तो इस बात का निश्चय हो सके कि वह कौन अथवा क्या है । किसी वस्तु की शरीराकृति, रूप रंग अथवा शक्ल सूरत से परिचित होना । जैसे—(क) मैं उन्हें चार बरस से पहचानता हूँ । (ख) तुम इनका मकान पहचानते हो, तो चलकर बता न दो ।

३. एक वस्तु का दूसरी वस्तु अथवा वस्तुओं से भेद करना । अंतर समझना या करना । बिलगाना । विवेक करना । तमीज करना । जैसे,—असल और नकल को पहचानना जरा टेढ़ा काम है ।

४. किसी वस्तु का गुण या दोष जानना । किसी की योग्यता या विशेषता से अभिज्ञ होना । किसी व्यक्ति के स्वभाव अथवा चरित्र की विशेषता को जानना । जैसे,—तुम्हारा उसका इतने दिनों तक साथ रहा, लेकिन तुम उन्हें पहचान न सके ।