पाजामा

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पाजामा संज्ञा पुं॰ [फा॰ पाजामह्] पैर में पहनने का एक प्रकार का सिला हुआ वस्त्र जिससे टखने से कमर तक का भाग । ढका रहता है । सुथना । तमान । इजार । विशेष—पाजामे के टखने की ओर के अंतिम भाग को मुहरी या मोरी, जितना भाग एक एक पैर में होता है उसे पायचा, दोनों पायचों के मिलानेवाले भाग को मियानी, कमर की ओर के अंतिम भाग को जिसमें इजारवंद रहता है नेफा और जिस सूत या रेशम के बंधनों को नेफे में डालकर कसते हैं, उसे इजारबंद कहते हैं । पाजामे के कई भेद हैं—(क) चुडीदार, जो घुटने के नीचे इतना तंग होता है कि सहज में पहना या उतारा नहीं जा सकता । पहनने पर घुटने के नीचे इसमें बहुत से मोड पड जाते हैं । इसके भी दो भेद होते हैं — आडा़ और खडा़ । आजे की काट नीचे से उपर तक आडी और खडे की खडी होती है । कभी कभी इसमें मोहरी की तरफ तीन बटन लगते हैं । उस दशा में मोहरी और भी तंग रखी जाती है । (ख) बरदार, जो घुटने के नीचे और ऊपर बराबर चौडा होता है । इसकी एक एक मुहरी एक हाथ से कम चौडी नहीं होता है । (ग) अरबी, जिसकी मोहरी चूडीदार से अधिक ढीली होती है और जो अधिक लंबा न होने के कारण सहज में पहन लिया जाता है । (घ) पतलूननुमा, जिसकी मोहरी बरदार से कम और अरबी से अधिर चौडी होती है । आजकल इसी पाजामे का रवाज अधिक है । (ड॰) कलीदार या जनाना पाजामा, जो नेफे की तरफ कम और मोहरी की तरफ अधिक चौडा़ रहता है । इसके नेफे का घेरा १ गज और मोहरी का २ १/२ गिरह होता है । इसमें बहुत सी कलियाँ होती हैं जिनका चौडा भाग मोहरी की ओर ओर तंग भाग नेफे की ओर होती है । (च) पेशावरी, जो कलीदार का प्रायः उलटा होता है अर्थात् नेफा २ १/४ गज और मोहरी प्रायः २ १/२ गिरह चौड़ी होती है । (छ) काबुली और (ज) नेपाली भी इसी प्रकार के होते हैं । पहले के नेफे का घेरा ४ गज और दूसरे का २ १/२ गज होता है । इनमें कलीयों की स्थापना कलीदार की उलटी होती है । पाजामे का व्यवहार इस देश में कब से आरंभ हुआ, उपलब्ध इतिहासों से इसका निश्चय नहीं होता । अधिकतर लोगों का ख्याल है कि यह मुलमानों के साथ यहाँ आया । पहले यहाँ के लोग धोती ही पहना करते थे । परंतु पहाडि़यों और शीतप्रधान प्रदेशों के रहनेवालों में आजकल इसका जितना व्यवहार है उससे संदेह हो सता है कि पहले भी उनका काम इसके बिना न चलता रहा होगा । आजकल हिंदू, मुसलमाल दोनों पाजामा पहनते हैं, पर मुसलमान अधिक पहनते हैं ।