पीछे

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पीछे ये द्वारका चले गए और वहाँ इन्होंने यादवों का राज्य स्थापित किया । महाभारत के युद्ध में इन्होने पांडवों को बहुत सहायता दी थी । इनकी मृत्यु एक बहेलिए का तीर लगने से हुई थी । ये विष्णु दस अवतारों में से आठवें अवतार माने जाते हैं ।

२. एक असुर जिसका जिक्र वेदों में आया है और जिसे इंद्र ने मारा था ।

३. एक ऋषि जिन्होंने ऋग्वेद के कई मंत्रों का प्रकाश किया था ।

४. अथर्ववेद के अंतर्गत एक उपनिषद् ।

५. छप्पय छंद का एक भेद, जिसमें २२ गुरु और १०८ लघु, कुल १३० वर्ण या १५२ मात्राएँ अथवा २२ गुरु १०४ लघु, कुल १२६ वर्ण या १४८ मात्राएँ होती हैं ।

६. चार अक्षरों का एक वृत्त जिसके प्रत्येक चरण में एक 'तगण' और एक लघु होता है । जैसे—तू ला मन । गोपीधन । तृष्णै तज । कृष्णै भज ।

७. वेदव्यास ।

८. अर्जुन ।

९. कोयल ।

१०. कौवा ।

११. कदम का पेड़ ।

१२. मास का वह पक्ष जिसमें चद्रमा का ह्रास हो । अँधरा पक्ष ।

१३. कलियुग ।

१४. शाल्मिलि द्वीप के निवासी शुद्र ।

१५. करौंदा ।

१६. नील ।

१७. पीपल ।

१८. जैनियों के मतानुसार नौ काले वसुदेवों में से एक ।

१९. बौद्धों के मतानुसार एक राक्षस जो बुद्ध का शत्रु माना जाता है ।

२०. चंद्रमा का धब्बा ।

२१. लोहा ।

२२. सुरमा ।

पीछे पीछे चलना । पीछा करना । उ॰—लीनो व्यासदेव पछिआई । बारहि बार पुकारत जाई ।—रघुराज(शब्द) ।

२. किसी को पीछे छोड़ देना । अपने से पीछे कर देना ।

पीछे अव्य [हिं॰ पीछा]

१. पीठ की ओर । जिधर मुँह हो उसकी विरुद्ध दिशा में । आगे या सामने का उलटा । पश्चात् । जैसे,— जरा अपने पीछे तो देखो कि कौन खड़ा है । यौ॰— पीछे पिछडे़ = अविकसित । अनुन्नत । पिछडे़ हुए । मुहा॰— (किसी के) पीछे चलना = (१) किसी विषय में किसी को पथप्रदर्शक, नेता या गुरु मानना । कार्यविशेष में किसी का पदानुसरण करना । किसी का अनुयायी या अनुगामी होना । अनुकरण करना जैसे,— वह ऐसा वैसा आदमी नहीं है, उसके पीछे चलनेवालों की संख्या हजारों से ऊपर है । (२) एक आदमी ने जैसा किया हो वैसा ही करना । किसी का अनुकरण करना । नकल करना । जैसे,— खोज के विषय में भरतीय विद्वान् भी बहुधा यूरोपीय पंडितों के पीछे चले हैं । (किसी के) पीछे छूटना = (१) किसी के साथ रहकर उसका भेद लेने या उसकी गतिविधि पर दृष्टि रखने के लिये नियुक्त किया जाना । जासूस बनाकर किसी के साथ लगाया जाना । जैसे,— आज कल उनके पीछे कई आदमी छूटे हैं । (२) किसी भागे हुए आदमी को पकड़ने के लिये नियुक्त किया जाना । (किसी के) पीछे छोड़ना या भेजना=(१) जासूस या भेदिया बनाकर किसी को किसी के साथ लगाना । गुप्त रूप से किसी के साथ रहकर उसका भेद लेने या उसके कर्मों से जानकारी रखने के लिये किसी को नियत करना । साथ लगाना । (२) किसी आदमी को पकड़ने के लिये किसी को भेजन ा या दौड़ाना । किसी का पीछा करने के लिये किसी को भेजना । (धन) पीछे डालना = खर्च से बचाकर भविष्यत् की आवश्यकता के लिये कुछ रखना । आगे के लिये बटोरना । संचय करना । जैसे,— प्रत्येक मनुष्य को चाहिए कि अपनी कमाई में से कुछ न कुछ पीछे डालता जाय । (किसी को) पीछे डालना= पीछे छोड़ना । पीछे दौड़ना । जैसे, — उसने चोरों के पीछे सवार डाले । (किसी के) पीछे दौड़ाना = (१) गए या जाते हुए आदमी को फेर लाने के लिये किसी को रवाना करना । किसी को लौटा लाने के लिये किसी को दौड़ाना या भेजना । (२) भागे या भागते हुए को पकड़ लाने के लिये किसी को भेजना । भागे या भागते हुए का पोछा करने के लिये किसी को रवाना करना । पिछे पछताना उसी चने को खाना = (१) इच्छापूर्वक त्यागी हुई वस्तु को त्यागने की गलती समझकर फिर ग्रहण करना । (२) किसी कार्य को न करने का निश्चय करके फिर करना । उ॰— इसका निरादर कर वे पीछे पछताएँगे और उसी चने को खाएँगे ।— प्रंमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ४०५ । (किसी काम के) पीछे पड़ना = किसी काम को कर डालने पर तुल जाना । किसी कार्य के लिये अविराम उद्योग करना । किसी कार्य की सिद्धि के लिये आग्रहयुक्त होना । बार बार विफल होने पर भी किसी काम के लिये उत्साह के साथ प्रयत्न करते रहना । (किसी व्यक्ति के) पीछे पड़ना =(१) कोई काम करने के लिये किसी से बार बार कहना । किसी से कोई प्रार्थना करते हुए आग्रहयुक्त होना । किसी के पीछे लगकर उससे कोई अनुरोध करना । घेरना । जान खाना । तंग करना । (२) किसी के संबंध में कोई ऐसा कार्य बार बार आग्रहपूर्वक करना जिससे उसे कष्ट पहुँचे या उसका अपकार हो । मौका या संधि ढूँढ़ ढूँढ़कर किसी की बुराई करते रहना । किसी को हानि पहुँचाने के लिये आग्रह- युक्त होना । जैसे,— बरसों से यह दुष्ट न जाने क्यों मेरे पीछे पड़ रहा है । पीछे लगना = (१) किसी आशा या प्रयोजन से किसी के पीछे पीछे चला करना । साथ हो लेना । साथ साथ चलना । पीछे पीछे घूमना । पीछा करना । जैसे,— तुम तो कितने दिनों से उनके पीछे लगे हो पर अभी तक हाथ कुछ न आया । (२) अनिष्ट या अप्रिय वस्तु का संबंध हो जाना । दुःखजनक वस्तु का साथ हो जाना । रोग कष्टादि का देर तक बना रहना । जैसे,— रोग पीछे लगना, मुसीबत पीछे लगना आदि । (अपने) पीछे लगाना = (१) आश्रय देना । साथ कर लेना । (२) रोग दुःख आदि की प्राप्ति और स्थिति में स्वतः कारण होना । अनिष्ट वस्तु से संबंध कर लेना । पालना । जैसे,— मुसीबत पीछे लगाना, झंझट पीछे लगाना आदि । (किसी और के) पीछे लगाना = (१) साथ लगा देना । अनिष्ट या अप्रिय वस्तु से संबंध करा देना । मढ़ देना । जैसे,— तुसने यह अच्छी मुसीबत हमारे पीछे लगा दी । (२) भेद लेने या निगाह रखने के लिये किसी को किसी के साथ कर देना । किसी आदमी को किसी का पीछा करने के लिये नियुक्त करना या योजना । कार्रवाइयाँ देखते रहने के लिये किसी आदमी को अपके साथ कर देना । किसी के साथ रहने के लिये नियुक्त करना । विशेष— 'धीरे' आदि कितने ही अन्य अव्ययों के समान 'पीछे' भी प्रायः आवृत्ति के साथ आता है; जैसे, पीछे पीछे आना, पीछे पीछे चलना, पीछे पीछे घूमना, आदि । इस रूप मे अर्थात् आवृत्तिपूर्वक यह जिस क्रिया का विशेषण होता है उसका लगातार अधिक समय तक होना सूचित होता है ।

२. पीछे की ओर कुछ दूर पर । पीठ की अथवा आगे की विरुद्ध दिशा में । कुछ दूर पर । जैसे, (क) उनके मकान को तुम बहुत पीछे छोड़ आए । (ख) वह गाँव बहुत पीछे छूट गया । मुहा॰—पीछे छूटना, पड़ना या होना =(१) किसी विषय में किसी से कम होना । गुण योग्यता आदि की तुलना में किसी से न्यून रह जाना । किसी विषय में किसी व्यक्ति की अपेक्षा घटकर होना । पिछड़ा होना । जैसे,— और विषयों की तो मैं नहीं कह सता पर रचनाभ्यास में तुम उससे बहुत पीछे छूट गए हो । (२) किसी विषय में किसी ऐसे आदमी से घट जाना जिससे किसी समय बराबरी रही हो । पिछड़ जाना । जैसे,— बीमारी के कारण वह अपने सहपाठियों से बहुत पीछे छूट गया । (प्रायः इस अर्थ में यह क्रिया 'जाना' से संयुक्त होकर आती है) । (किसी को, पीछे छोड़ना = किसी विषय में किसी से बढ़कर या अधिक होना । किसी विषय में किसी की अपेक्षा अधिक सामर्थ्य- वान होना या योग्यता रखना । जैसे,— इस विषय में वह हजारों को पीछे छोड़ गया । (२) किसी विषय में किसी से बढ़ जाना । किसी से आगे निकल जाना । किसी विषय में किसी विशेष व्यक्ति को अपेक्षा अधिक योग्य या सामर्थ्य- वान हो जाना ।

३. देश या कालक्रम में किसी के पश्चात् या उपरांत । स्थिति या घटना के विचार से किसी के अनंतर कुछ दूर या कुछ देर बाद । किसी वस्तु या व्यापार के पश्चादवर्ती स्थान या काल में । पश्चात् । उपरांत । अनंतर । जैसे,— (क) पचास हाथ लंबी पाँत में सब लोग एक दूसरे के पीछे खडे़ थे । (ख) तुम्हारे काशी आने के कितना पीछे यह घटना हुई ।

४. अंत में । आखिर में । (क्व॰) । जैसे,— पहले तो वे बहुत दिनों तक पड़ते रहे पीछे बीमार पड़ने के कारण उनका पढ़ना लिखना छूट गया ।

५. किसी की अनुपस्थिति या अभाव में । किसी की अविद्यमानता में । पीठ पीछे । जैसे,— किसी के पीछे उसकी बुराई करना अच्छा काम नहीं ।

६. मर जाने पर । इस लोक में न रह जाने की दशा में । मरणोपरांत । जैसे,— (क) आदमी के पीछे उसका नाम ही रह जाता है । (ख) वे अपने पीछे चार बच्चे, एक विधवा और प्रायः पचास हजार का ऋण छोड़ गए ।

७. लिये । वास्ते । कारण । अर्थ । खातिर ।