बटेर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बटेर संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ वर्त्तक, प्रा॰ बट्टा] तीतर या लावा की तरह की एक छोटी चिड़िया । विशेष— इसका रंग तीतर का सा होता है पर यह उससे छोटी होती है । इसका माँस बहुत पुष्ट समझा जाता है इससे लोग इसका शिकार करते हैं । लड़ाने के लिये शौकीन लोग इसे पालते भी हैं । यह चिड़िया हिंदुस्तान से लेकर अफगाणिस्तान, फारस और अरब तक पाई जाती है । ऋतु के अनुसार यह स्थान भी बदलती बै और प्रायः झुंड में पाई जाती है । यह धूप में रहना नहीं पसदं नहीं करती, छाया ढूढ़ती है । मुहा॰—बटेर का जगाना = रात को बटेर के कान में आवाज देना । (बटेरबाज) । बटेर का बह जाना = दाना न मिलने के कारण बटेर का दुबला हो जाना । बटेरों की पाली = बटोरों की लड़ाई । उ॰— परसों तो नवाब साहब के यहाँ बटेरों की पाली है, महीनों से बटेर तैयार किए हैं । दो दो पंजे तो कसा लें ।— फिसाना॰, भा॰ १, पृ॰ ३ ।