मीनार

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हिन्दी

संज्ञा

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

मीनार संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ मनार]

१. ईंट, पत्थर आदि की वह चुनाई जो प्रायः गोलाकार चलती है । यह प्रायः किसी प्रकार की स्मृति के रूप में तैयार की जाती है । स्तंभ । लाठ ।

२. मसजिदों आदि के कोनों पर बहुत ऊँची उठी हुई इसी प्रकार की गोल इमारत जो खंभे के रूप मे होती है ।

३. वह ऊँचा स्थान जहाँ रोशनी की जाती है ।