मेढ़ा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मेढ़ा संज्ञा पुं॰ [सं॰ मेढू, मेण्ढ, मेण्ढक] [स्त्री॰ भेंड़] सींगवाला एक चौपाया जो लगभग डेढ़ हाथ ऊँचा और घने रोयों से ढका होता है । मेष । विशेष—इनका रोयाँ बहुत मुलायम होता है और ऊन कहलाता है । इनका माथा और सींग बहुत मजबूत होते हैं । ये आपस में बड़े बेग से लड़ते हैं, इससे बहुत से शौकीन इन्हें लड़ाने क े लिये पालते हैं । मादा भेंड़ जितनी ही सीधी होती है, उतनी ही मेढ़े क्रोधी होते हैं । मेढ़े की एक जाति ऐसी होती है जिसकी पूँछ में चरबी का इतना अधिक संचय होता है कि वह चक्की के पाट की तरह फैलकर चौड़ी हो जाती है । ऐसा मेढ़ा 'दुंबा' कहलाता है । विशेध दे॰ 'भेड़' ।