सबा

विक्षनरी से

प्रातः समीर

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

सबा संज्ञा स्त्री॰ [अ॰] वह हवा जो प्रभात और प्रातः काल के समय पूर्व की और से चलती है । उ॰—बराबरी का तेरी गुल ने जब खयाल किया । सबा ने मार थपेड़ा मुँह उसका लाल किया ।—कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ ९७ । यौ॰—सबाखराम, सबादम = वह घोड़ा जो बहुत तेज भागता हो ।