अंकन

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अंकन संज्ञा पुं॰ [ सं॰ अङ्कन] [वि॰ अङ्कनीय, अङ्कित, अङ्कय]

१. चिह्न करना । निशान करना ।

२. लेखन । लिखना । जैसे— 'चित्रांकन' , 'चरित्रांकन' में ' अंकन' ।

३. शंख, चक्र, गदा , पद्म या त्रिशूल आदि के चिह्न गरम धातु से बाहु पर छपवाना । विशेष— वैष्णव लोग शंख, चक्र, गदा, पद्म आदि विष्णु के चार आयुधों के चिह्न छपवाते हैं और दक्षिण शैव लोग त्रिशूल या शिवलिग के । रामानुज संप्रदाय के लोगों में इसका चलन बहुत है । द्वारिका इसके लिये प्रसिद्ध स्थान है ।

४. गिनती करना ।

५. श्रेणीनिर्धारण ( को॰) । क्रि॰ प्र॰—करना । — होना ।