अकनना

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अकनना † क्रि॰ स॰ [सं आकर्णन प्रा॰ आकण्णण]

१. सुनना । कर्णागोचर करना । उ॰—पुरजन आवत अकनि बराता । मुदित सकल पुलकावलि गाता ।—मानस १ ।३ ४४ । २आहट लेना । उ॰—नगर सोर अकनत सुनत अति रुचि उपजावत ।—सूर॰ (राधा॰) २५६१ ।

३. कान लगाकर सुनना । चुपचाप सुना । उ॰—आलस गात जानि मनमोहन बैठे छाँह करत सुख चैन । अकनि रहत कहु सुनत नहीं कछु नहिं गौ रंभन बालक बैन ।—सूर॰ (शब्द॰) ।