अकुल

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अकुल ^१ वि॰ [सं॰]

१. जिसको कुल में कोई न हो । कुलरहित । पारिवारविहीन । उ॰—निर्गुन निलज कुबेष कपाली । अकुल अगेह दिगंबरु ब्याली ।—मानस, १ ।७ ।९

२. बुरे कुल का । नीच कुल का । अकुलीन । उ॰—अकुल कुलीन होत, पाँवर प्रवीन होत, दिन होत चक्कवै चलत छत्रछाया के ।—देव, (शब्द॰) ।

अकुल ^२ संज्ञा पुं॰

१. बरा कुल । नीच कुल । बुरा खानदान ।

२. परम तत्व । शिव । उ॰—अकुल शरानि पूरी मति होय ।— प्राण॰, पृ॰ १८१ ।