अगार
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अगार ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ आगार]
१. निवासस्थान । धाम । गृह । उ॰—दुख आवत कछु अटक न मानत, सूनौ देखि अगार ।—सूर॰, १० । ३३७६ ।
२. ढेर । राशि । समूह । अटाला । उ॰— मीँजि मीँजि हाथ धुनै माथ दसमाय तिय, तुलसी तिलौ न भयो बाहिर अगार का । —तुलसी ग्र,॰ पृ॰, १७३ ।
अगार ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ अग्र] आगे का स्थान । अगला हिस्सा । अग्रभाग । उ॰— अरु जो तुमरे मन में यह बात तो काहे कौ मोहि अगार दयौ । —सुजान॰, पृ॰ ७१ ।
अगार ^३ क्रि॰ विं॰ आगे । अगाड़ी । पहले । प्रथम । उ॰—प्रीतम को अरु प्रानन को हठ देखनो है अब होत सकारो । कैधौं चलैंगो अगार सखी यहि देह ते प्रान किगेह ते प्यारी । —कोई कवि (शब्द॰) ।
अगार ^४ वि॰ [सं॰ अग्रय ?] अगुआ । नेता । मुखिया । उ॰—तब सितसिनवार दे अवारिया अगार और खुंटैला जुझार बीर चाहर आपार । —सुजान॰ पु॰, ६७ ।