अजन्ता

विक्षनरी से

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अजंता संज्ञा पुं॰ [देश॰] दक्षिण भारत में सह्याद्रि पर्वत की गोद में बहनवाली वागुरा नदी की घाटी में स्थित एक स्थान जो अपने १९ कलात्मक गुफामंदिरो के लिये जर्गाद्विख्यात है । विशेष—मध्य रेलवे की इंटारसी बंबई शाखा पर स्थित जलगाँव स्टेशन से उतरकर फरदापुर होते हुए अजंता जाने का मार्ग है । गुफाएँ प्राकृतिक नहीं हैं, बल्कि पत्थर के ठोस पहाड़ों को काट- काट कर भारतीय कारीगरों द्वारा निर्मित हैं । वास्तु, शिल्प और चित्र इन तीनों कलाओं का चरमोत्कर्ष इन गुफाओं में दृष्टिगोचर होता है जिसका निर्माणकाल ई॰ पू॰ दूसरी शती (गुहा संख्या १०, १२, १३) सं लेकर ७वीं शती तक (बिहार गुहा १, २) है । आरंभिक गुहाओं में बोद्धों की हीनयान शाखा के प्रभाव दृष्टिगोचर होते हैं । शिल्प और चित्रों में भगवान् बुद्ध की प्रधानना है । १९वीं गुहा सर्वोत्कृष्ट है । इसके भित्तिचित्रों में भगवान् बुद्ध और उनके जीवन की विविध घटनाएँ एवं विभिन्न जातक कथाओं के चित्र अत्यंत सधे हाथों से अंकित हैं । रंग ऐसे पक्के और चटकीले हैं, मानों कारीगर न उन्हें अभी अभी समाप्त किया है । ५० फुट से अधिक प्रशस्त मंडप के ऊपर की छत तक अलंकृत है । अन्यान्य गुफाओं की चित्रसमृद्धि भी अत्यंत उच्च कोटि की है । ये गुफाँएँ भारतीय स्वर्णयुग के सांस्कृतिक, कलात्मक और आध्यात्मिक उपलब्धियों की प्रत्यक्ष साक्षी हैं ।