अन्तरिक्ष
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अंतरिक्ष ^१ संज्ञा पु॰ [सं॰ अन्तरिक्ष]
१. पृथिवी और सूर्यादि लोकों के बीच का स्थान । कोई दो ग्रहों वा तारों के वीच का शून्य स्थान । आकाश । अधर । रोदसी । शून्य । उ॰—सौरभ से दिगंत पूरित था अंतरिक्ष आलोक अधीर ।—कामायनी, पृ॰ ११ ।
२. स्वर्ग लोक ।
३. प्राचीन सिद्धांत के अनुसार तीन प्रकार के केतुओं में से एक जिसके घोड़े, हाथी, ध्वज, वृक्ष अदि के समान रूप हों ।
४. एक ऋषि का नाम ।
५. पृथिवी का आकर्षण शक्ति की परिधि से बाहर का आकाश में स्थान । यौ॰—अंतरिक्षयान=हवाई जहाज । वायुयान । एयरोप्लेन (अं॰) ।
अंतरिक्ष ^२ वि॰ अंतर्धान । गुप्त । अप्रकट । उ॰—(क) भखे ते अंतरिक्ष रिक्ष लक्ष लक्ष जात हीं ।—केशव (शब्द॰) । (ख) फ्लोडो
अंतरिक्ष संज्ञा पुं॰ [ सं॰ अन्तरीक्ष ] दे॰ 'अंतरिक्ष' [को॰] ।