असिद्ध

विक्षनरी से

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

असिद्ध ^१ वि॰ [सं॰]

१. जो सिद्ध न हो ।

२. बेपका । कच्चा ।

३. अणूर्ण । अधूरा ।

४. निष्फल । व्यर्थ ।

५. अप्रमाणित । जो साबित न हो ।

असिद्ध संज्ञा पुं॰

१. एक प्रकार का बड़ा और ऊँचा वृक्ष जिसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है और प्राय: इमारत के काम में आती हैं । इसकी छाल से चमड़ा भी सिझाया जाता है ।

२. हेत्वाभास का एक भेद [को॰] ।