आकरी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

आकरी ^१ वि॰ [सं॰ आकर = खान ( धातु और पत्थरक आदि की)] कठोर । उ॰— नारी बोलै आकरी तब दुख पावै नाह । सुंदर बोलै मधुर मुख तब सुख सीर प्रवाह ।— सुंदर॰ ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ७०७ ।

आकरी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ आकार + ई॰ (प्रत्य.)] खान खोदने का काम । उ॰— चाकरी न आकरी न खेती न बनिज भिख जानत न छर कछु कसब कबारू है । — तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ११२ ।

आकरी ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ अकरिन्] दे॰ 'आकरिक' ।