आकांक्षा
हिन्दी
संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
आकांक्षा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ आकाङ्क्षा] [वि॰ आकांक्षक, आकांक्षित, आकांक्षी]
१. इच्छा । अभिलाष । वांछा । चाह ।
२. अपेक्षा ।
३. अनुसंधान ।
४. न्याय के अनुसार वाक्यार्थज्ञान के चार प्रकार के हेतुओं में से एक । विशेष— वाक्य में पदों का परस्पर संबंध होता है और इसी संबंध से वासक्यार्थ का ज्ञान होता है । जब वाक्य में एक पद का अर्थ दूसरे पद अर्थज्ञान पर आश्रित रहता है । तब यह कहते हैं कि इस पद के ज्ञान की आकांक्षा है;जैसे,— ' देवदत्त आया' इस वाक्य में आया पद का ज्ञान देवदत्त के ज्ञान के आश्रित है ।
५. जैनियों के अनुसार एक अतिचार । जैनियों अतिरिक्त अन्य मतवालों की विभूति देख उसके ग्रहण करने की इच्छा । यौ॰— आकांक्षातिचार ।