आरोपण

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

आरोपण संज्ञा पुं॰ [सं॰ ][वि॰ आरोपित, आरोप्य]

१. लगाना । स्थापित करना । मढ़ना ।

२. पौधे को एक जगह से उखाड़कर दूसरी जगह लगाना । रोपना । बैठाना ।

३. किसी वस्तु में स्थित गुण को दूसरी वस्तु में मानना ।

४. मिथ्याज्ञान । भ्रम ।