आहट

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

आहट संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ आ=आना+हट (प्रत्य॰), जैसे—बुलाहट घबराहट]

१. शब्द जो चलने में पैर तथा और दूसरे अंगों से होता है । आने का शब्द । पाँव की चाप । खड़का । जैसे— (क) किसी के आने की आहट मिल रही है । उ॰—होत न आहट भो पग धोरे । बिनु घंटन ज्यों गज मतवारे ।—लाल (शब्द॰) । (ग) आहट पाय गोपाल की ग्वालि गली महँ जाय के धाय लियो है । (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰— पाना ।—मिलना । —लेना ।

२. आवाज जिससे किसी के रहने का अनुमान हो । जैसे,— कोठरी में किसी आदमी की आहट मिल रही है । क्रि॰ प्र॰—पाना । —मिलना ।—लेना ।

३. पता । सुराग । टोह । निशान । क्रि॰ प्र॰— लगना । —लगाना ।