इकंग
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]इकंग ^१पु वि॰ [सं॰ एकाङ्ग] एकतरफा । एक ओर का । उ॰— दुखी इकंगी प्रीति सौं, चातक, मीन, पतंग । घन जल दीप न जानहीं, उनके हिय को अंग । —रसनिधि (शब्द॰) ।
इकंग ^२पु संज्ञा पुं॰ शिव । सहादेव । अर्धनारीश्वर ।
इकंग ^३पु क्रि॰ वि॰ मिश्रित । एक में मिला । उ॰— गरल अमृत इकंग करि राखै । भिन्न भिन्न कै बिररै चाखै । — नंद ग्रं॰ पृ॰ ११८ ।