इकटक क्रि॰ वि॰ [हिं॰ एकटक] एक दृष्टि से । लगातार । बिना दृष्टि हटाए । उ॰— इकटक प्रतिबिंब निरखि पुलकत हरि हरषि हरषि, लै उछंग जननी रसभंग जिय बिचारी । — तुलसी ग्रं॰ पृ॰ २८१ ।