इकसार †पु वि॰ [सं॰ एक, हिं॰ इक+सं॰ सदृश,प्रा॰ सरिस,सारिस] एक सा । समान । बराबर । उ॰—उनयौ मेघ घटा चहुँ दिश तें वर्षन लगौ अखंडित धार । बूडौ मेरु नदी सब सूकी झर लागौ निसदन इकसार । सुंदर ग्रं॰, भा॰ पृ॰ ५३१ ।