इत

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

इत ^१ पु † क्रि॰ वि॰ [सं॰ इतः] इधर । यहाँ । उ॰—इततें उत औ उततें इत रहु यम की साँट सँवारी ।—कबीर (शब्द॰) । यौ.—इत उत=इधर उधर । उ॰—भोजन करत चपल चित, इत उत अवसर पाइ ।—मानस १ । २०३ । (ख) इत उत चितै धँस्यौ मंदिर मैं हरि कौ दरसन पायौ ।—सूर॰, १० । ४२७ ।

इत ^२ † पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ ईति] दे॰ 'ईति' । उ॰—सातू इत रो नह सोक लंगर, सुखी सगला लोक ।—रघु॰ रू॰, पृ॰ १२२ ।