उकड़ूँ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उकड़ूँ संज्ञा पुं॰ [सं॰ उत्कुटुक, प्रा॰ उक्कुडुग, उक्कुडुय = आसन- विशेष] घुटने मोड़कर बैठने की एक मुद्रा जिसमें दोनों तलवे जमीन पर पूरे बैठते हैं और चूतड़ एँड़ियों से लगे रहते हैं । क्रि॰ प्र॰—उकड़ू बैठना ।