उकसाना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
उकसाना क्रि॰ स॰ [हिं॰ 'उकसना ' का प्रे॰ रूप]
१. ऊपर को उठाना ।
२. उभाड़ना । उत्तेजित करना । उ॰—ये लोग तुम्हारे ही उकसाए हुए हैं ।—(शाब्द॰) ।
३. उठा देना । हटा देना । उ॰—गाढ़ैं ठाढ़ैं कुचनु ढिलि पिय हिय को ठहराइ । उकसौहैं ही तो हियैं दई सबै उकसाइ । ।—बिहारी र॰ दो॰ ४६२ ।
४. । दिए की बत्ती बढ़ाना या खसकाना ।