उक्तप्रत्युक्त संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. लास्य के दस अंगों में से एक । २. (नाट्य शास्त्त के अनुसार) उक्ति प्रतियुक्ति से युक्त, उपालंभ के साहित,—अलीक (अप्रिय या मिथ्या) सा प्रतीत होनेवाला और विलासपूर्ण अर्थ से सुसंपन्न गान ।