उखारना पु क्रि॰, स॰ [हिं॰ उखाड़ना] दे॰ 'उखाड़ना' । उ॰— लीन्हो उखारि पहर बिसाल चल्यो तेहि काल बिलंब न लायो । तुलसी ग्रं॰, पृ॰ १९६ ।