उखेड़ना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उखेड़ना क्रि॰ स॰ [हिं॰] दे॰ 'उखाड़ना' । उ॰ (क) मेरे सैयाद जालिम ने उखेड़े बालोंपर अपने । कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ ६६२ । (ख) काम हो कान के उखेड़े जो । तो घुसेड़ें न पेट में छूरी । चुभते॰, पृ॰ ५४ ।