उग्ग

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उग्ग पु वि॰ [सं॰ उग्र, प्रा॰ उग्ग] दे॰ 'उग्र' । उ॰— तजो अब उग्ग असेष सुभाव । करो सब उप्पर क्षोभ सुचाव । । —हम्मीर रा॰, पृ॰ ८ ।