उचड़ना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उचड़ना क्रि॰ अ॰ [सं॰ उच्चारण, प्रा॰ उच्चाडण]

१. सटी या लगी हुई चीज का अलग होना । पृथक् होना ।

२. किसी स्थान से हटना या अलग होना । जाना । भागना । जैसे—कौआ, यदि हमारे भैया आते हों तो उचड़ जा (स्त्री॰) । विशेष—जब घर का कोई विदेश में रहता है तब स्त्रीयाँ शकुन द्वारा उसके आने का समय विचारा करती हैं । जैसे, यदि कौआ खपड़ैल पर आकार बैठता है तो उससे कहती हैं कि यदि 'अमुक आते हो तो उचड़ जा' । यदि कौआ उड़ गया तो समझती हैं कि विदेश गया हुआ व्यक्ति शीघ्र आएगा ।