उच्चल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उच्चल संज्ञा पुं॰ [सं॰] दे॰ 'उच्चता' । उ॰—और जब सावन लुभावन बरस धाया, उन्हें निज उच्च पर जब तरस आया ।—हिस॰ पृ॰ २ ।

उच्चल ^१ वि॰ [सं॰] गतिवान । चलायमान । उ॰—तोता मारू माँह गुण, जेता तारा अभ्भ । उच्चलचित्ता साजणाँ, कहि क्यउँ दाखउँ सभ्भ ।—ढोला॰, दू॰ ४८७ ।

उच्चल ^२ संज्ञा पुं॰ मन [को॰] ।