उच्छिष्ट
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
उच्छिष्ट ^१ वि॰ [सं॰]
१. किसी के खाने से बचा हुआ । जिसमें खाने के लिये किसी ने मुँह लगा दिया हो । किसी के आगे का बचा हुआ (भोजन) । जूठा । जैसे—वह किसी का उच्छिष्ट भजन नहीं खा सकता । विशेष—धर्मशास्त्र में उच्छिष्ट भोजन का निषेध है ।
२. दूसरे का बार्ता हुआ । जिसे दूसरा व्यवहार कर चूका हो ।
३. जुठे मुँहवाला । जिसके मुख में जूठन लगी हो (को॰) ।
४. परित्यक्त । छोड़ा हुआ (को॰) ।
४. एक दिन पूर्व का । बासी (को॰) ।
उच्छिष्ट ^२ संज्ञा पुं॰
१. जूठी वस्तु ।
२. मधु । शहद ।
उच्छिष्ट गणेश संज्ञा पुं॰ [सं॰] गणपति का एक तंत्रोक्त रूप [को॰] ।
उच्छिष्ट चांडालिनी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] मातंगी देवी [को॰] ।
उच्छिष्ट भोत्त्का वि॰ [सं॰ च्छिष्टभोत्त्क] उच्छिष्ट या परित्यक्त वस्तु खानेवाला । नीच (व्यक्ति) [को॰] ।
उच्छिष्ट भोजन संज्ञा पुं [सं॰]
१. जूठी वस्तु का भक्षण । जूठन खाना ।
२. देवर्पित प्रसाद या पंचमहायज्ञ से बचे हुए अन्न का भोजन [को॰] ।
उच्छिष्ट भोजी वि॰ [सं॰ उच्छिष्ट भोजिन्] [वि॰ स्त्री॰ उच्छिष्ट- भोजनो] उच्छिष्ट खानेवाला । जूठन खानेवाला ।