उत्ताप
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
उत्ताप संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ उत्तप्त और उत्तापित]
१. गर्मी । तपन ।
२. कष्ट । वेदना ।
३. दुःख । शोक । उ॰—जो कुकार्य में अभिमत द्रुव्य, फूँक दिखाते निज सामर्थ्य । सो अपनी करनी पर आप, पछताते पाकर उत्ताप । —सरस्वती (शब्द॰) ।
४. क्षोभ । उग्रभाग । उ॰— उठै विविध उत्ताप प्रबल अवरुद्ध भाव गर्जनकारी, त्यों उन्नत अभिलाष अपूरित करै यत्न साधन भारी । ।—श्रीधर पाठक (शव्द॰) ।