उपविष

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उपविष संज्ञा पुं॰ [सं॰] हलके विष । कम तेज जहर । जैसे, अफीम, धतूरा इत्यादि । एक मत से उपविष पाँच हैं—(१) मदार का दूध, (२) सेंहुँड़ का दूध, (३) कलिहारी या करियारी, (४) कनेर, (५) धतूरा; दूसरे मत से सात हैं—(१) मदार, (२) सेहुँड़, (३) धतूरा, (४) कलिहारी या करियारी, (५) कनेर, (६) गुजां, (७) अफीम ।

उपविष प्रणिधि संज्ञा पुं॰ [सं॰] विष या यंत्र मंत्र आदि द्वारा मनुष्यों को गुत्त रूप से मारनेवाला । विशेष—कौटिल्य के समय में ऐसे गुप्तचर उन लोगों के वध के लिये नियुक्त किए जाते थे जिनसे राजा असंतुष्ट होता था, या जो बागी समझे जाते थे ।