उमाह

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

उमाह संज्ञा पुं॰ [सं॰ उद्+मह् = उप्तगाना, उत्साहित करना] उत्साह । उमंग । जोश । चित्त का उद्गगार । उ॰—(क) आयो सुबाहु उमाह भरो रन जो सुरनाह को दान देवैया ।—रघुराज (शब्द॰) । (ख) जान देहु सब और चित के मिलि रस करन उमाहु । हरीचंद सूरत तो अपनी बारक फेरि दिखाहु ।—हरिश्चंद्र (शब्द॰) ।