ऊँचे
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ऊँचे †पु क्रि॰ वि॰ [ हिं॰ऊँचा ]
१. ऊँचे पर । ऊपर की ओर । उ॰— ऊँचे चितै सराहियत गिरह कबूतर लेत ।—बिहारी (शब्द॰) ।
२. जोर से ( शब्द करना ) । उ॰— अवसर हार्यों रे तै हारच्यो । हरि भजु बिलँब छांडि सूरज प्रभु ऊँचे टेरि पुकारयो । सूर (शब्द॰) । मुहा॰—ऊँचे नीचे पैर पड़ना = व्यभिचार में फँसना । विशेष— खडी़ बोली में वि॰ 'नीचा' से क्रि॰ वि॰ 'नीचे' तो बनाते हैं । पर 'ऊँचा' से 'ऊँचे' नहीं बनाते । पर ब्रजभाषा तथा और और प्रांतिक बोलियों में इस रूप का क्रि॰ वि॰ की तरह प्रयोग बराबर मिलता है ।