ऊभा वि॰ [हिं॰ ऊभना=खडा़ होना] खड़ा । स्थित । उ॰—परी करै औ ऊभा धावै, बाहर भीतर दौडा़ आवै । —कबीर॰ सा॰, पृ॰ ५४२ ।