ऐब

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ऐब संज्ञा पुं॰ [अ॰]

१. दोष । दूषण । नुक्स । उ॰—ऐब अपने घटाओ पै खबरदार रहो । घटने से न उनके बढ़ जाए गरूर ।—कविता कौ॰, भा॰ ४ पृ॰ ६०१ । मुहा॰—ऐब निकालना=दोष दिखाना (किस्ती वस्तु में) । उ॰— अगर चाहा निकालो ऐब तुम अच्छे से अच्छे में । जो ढूँढो़गे तो अकबर में भी पाओगे हुनर कोई । —शेर॰ ।

२. अवगुण । कलंक । बुराई । उ॰—यहाँ के दुकानदारों में यह बडा़ ऐब है की जलन के मारे दूसरे के माल को बारह आने का जाँच देते हैं ।—श्रीनिवास ग्रं॰, पृ॰ १७४ । मुहा॰—ऐब लगाना=कलंक लगाना । दोषारोपण करना (किसी व्यक्ति पर) । यौ॰—ऐबजोई । ऐबदार । ऐबपोशी । ऐबहुनर=गुण दोष ।