ओं
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
ओं अव्य॰ [सं॰ ओम्]
१. एक अर्द्धांगीकार या स्वीकृतिसूचक शब्द । हाँ । अच्छा । तथास्तु ।
२. परब्रह्मवाचक शब्द जो प्रणव मंत्र कहलाता है । विशेष—यह शब्द बहुत पवित्र माना जाता है और वेदमंत्रो के पहले तथा पिछे बोला जाता है । मांडूक्य उपनिषद् में इसी शब्द की व्याख्या भरी हुई है । यह ग्रंथ के आरंभ में भी रखा जाता है । पुराण में 'ओम्' के अ, उ और म् क्रम से विष्णु, शिव और ब्रह्मा के वाचक माने गए हैं ।