ओतान पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ श्रवण] श्रुत राग या सुनेने से उत्पन्न अनुराग । उ॰—सुनि राजन लाग्गै ओतानं । लग्गे मीनकेतु क्रत बानं । —पृ॰ रा॰ २५ ।२८ ।