ओलक संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ओल=ओट] आड़ । ओट । उ॰—देखत रूप अनूप वह बढ़त दृगन दुग जोत । फिर कैसे वह साँवरो आखिन ओलक होत । —स॰ सप्तक, पृ॰ ३५४ ।