कंगल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कंगल ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰] कंग । कवच । उ॰—(क) कटै कंगल अंग ओ जीन बाजी ।—ह॰ रासो, पृ॰ १३२ । (ख) बहु फुट्टत पक्खर कंगलयं ।—ह॰ रासो, पृ॰ १०१ ।

कंगल ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'कंग' । उ॰—लै कंगल धावै तेग बचावै पैज बुरावै वीर छलं ।—पृ॰ रासो, पृ॰ १४९ ।