कंथ पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ कान्त] दे॰ 'कंत ^२' । उ॰ कंथ बुलाय केकेई कहियो, आप बचन पूरीजै आस ।—रघु॰ रू॰, पृ॰ १०० ।